Sunday, June 30, 2013

महेशवाणी

अहि ठाम छलै  राम, भँगियाके झोरिया, से हो लेल गौरी चोराई गे माई

एतबा बचन जब सुनलनी गौरी , रुसी नैहर चली गेल गे माई  । ।

 

आहे माई, पर हे परोसिन गौरी के दिय सम्झाई गे माई

हम नही लौटब भोला मुँह देखब, मरब जहर बिख खाई गे माई  । ।

 

कथि लाय हम अतेक जपतपलहुँ, कथि लाय धयल निती ध्यान गे माई

हमरो धिया के एहन बर होय, आब हम होयब बताही गे माई  । ।

 

फेकी देल हालाडाला, फेकी देल चँगेरी हे फोरी देल चौमुख दिप  गे माई

धिया लै मनाईन मुनहरी घर पैसल, ठोकी देल बजरी केवारी गे माई  । ।

 

खिरकी के ओते ओते ताकथि गौरी दाई, तिल भरी  भेष बदलिए गे माई

साजी लेल हालाडाला, साजी लेल चँगेरिया, लेसी लेल चौमुख दिप गे माई

भेल विवाह परल सिर सिन्दुर, शिव चलु कोबर घर गे माई  । ।

 

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