Saturday, June 15, 2013

महेशवाणी






बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा

कौने हात डमरु शोभे कौने त्रीशुल धारि

कहाँ  सँ  बहैछै गंगा के धरबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा

 
बायाँ हाते डमरु शोभे दहिने त्रीशुल धारि

जटबा सँ बहैछै गँगाके धरबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा


कहाँ बिभुत शोभे, कहाँ रुद्र माला

कहाँ शोभै छै मृगके छाला आगे माई शंकर जि दुलह्बा


अगँ बिभुत शोभे, गले रुद्र माला

डाँरोमे शोभेला मृगके छाला आगे माई शंकर जि दुलह्बा

बसहाँ  चढल मतबलबा …….

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