Sunday, January 19, 2014

Maithili Ghazal - Nahi nayan kataarsa war karu

            गजल


नहि नयन कटारसँ वार करू

जुनि कामिनी एहन श्रृङ्गार करू

लिअ हारि जाई छी हम खुशी खुशी

जीवनक पथ पर तैआर रहू

धेआन हमर छै भटकि रहल

अहाँ हाल ने हमर बेहाल करु

जिनगीक रस्तामेँ जे छै धूप छाँह

काटि लेबै खुशीसँ बस हाथ धरु

अहाँ पिरीति केलौँ स्विकार हमर

जिनगी अहाँ लिअ उपहार धरु

सुख दुख जिनगी भरि चलिते छै

अहाँ साँस बनि हमर साथ रहू

सम्हारु घर आँगन तुलसी चौरा

जीवन बैतरणी सँगे पार करु…!            ….अनिल मल्लिक

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