के पतिया लए जाएत रे
के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।
हिय नहि सहय असह दुःख रे, भेल साओन मास ।
के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।।
एकसरि भवन पिया बिनु रे, मोहि रहलो न जाए ।
एकसरि भवन पिया बिनु रे, मोहि रहलो न जाए ।
सखि अनकर दुःख दारुन रे, जग के पतिआए ।
सखि अनकर दुःख दारुन रे, जग के पतिआए ।
के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।।
मोर मन हरि हरि लए गेल रे, अपनो मन गेल ।
गोकुल तेजि मधुपुर बसु रे, कत अपजस लेल ।
गोकुल तेजि मधुपुर बसु रे, कत अपजस लेल ।
के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।।
विधापति कवि गाओल रे, धनि धरु मन आस ।
आओत तोर मनभावन रे, एहि साओन मास ।
आओत तोर मनभावन रे, एहि साओन मास ।
के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।
के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।।