This is default featured post 1 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

Sunday, June 30, 2013

महेशवाणी

अहि ठाम छलै  राम, भँगियाके झोरिया, से हो लेल गौरी चोराई गे माईएतबा बचन जब सुनलनी गौरी , रुसी नैहर चली गेल गे माई  । । आहे माई, पर हे परोसिन गौरी के दिय सम्झाई गे माईहम नही लौटब भोला मुँह देखब, मरब जहर बिख खाई गे माई  । । कथि लाय हम अतेक जपतपलहुँ, कथि लाय धयल निती ध्यान गे माईहमरो धिया के एहन बर होय, आब हम होयब बताही गे माई  । । फेकी देल हालाडाला, फेकी देल चँगेरी हे फोरी देल चौमुख दिप  गे माईधिया लै मनाईन मुनहरी घर पैसल, ठोकी देल बजरी केवारी गे माई  ।...

Sunday, June 23, 2013

मैथिली गजल

जिनगी भरि'क साथ बीचेमे किए छोड़ि देलियैहमर ओ सपना सतरँगी किए तोड़ि देलियैकहियै केकरासँ सुनतै के सिकाइतो हमरदोख कहाँ कहलौं नया रस्ता किए खोजि लेलियैरहि रहि आब भीजैत रहै छै जे आँखि हमरई सागर छै नोरक अहिमे किए बोरि देलियैपहिल भेंटक फूल सुखि गेल तैयो रखने छीमोनक फूलबारी कहू अहाँ किए नोंचि लेलियैसहलो ने जाइया केहन जरै छै मोन हमरबिरहक आगि मे जे हमरा किए झोंकि देलियै….!   अनिल मल्लिक  ...

मैथिली गजल

रुप रँग एके दुख रँज एकेदोसराके पछाड़यके ढँग कतेभेल बहुत भेल आबो सोचियौतौलू अपना मे अछि ढँग कतेई हम कयलौं तों की कयलेकहिआ धरि आ ई प्रपँच कतेबिनु बातक रगड़मे पड़ल रहबअहिसँ अछि मिथिला तँग कतेक्षय नै दोसराक, देश राग रचूअपन जयक रचू नव छँद जते ...!        अनिल मल्लिक  ...

Friday, June 21, 2013

मैथिली सायरी

अछि आस बस अहिँसँ, हमर साँस अछि अहिँसँदेखीते रही अहिँके, केहन पिआस अछि अँहिसँदु किनार जेना नदीके, कोना भेलै जिनगी अपनअहि समयके काटि लेबै,से बिश्वास अछि अहिँसँ....! छम छम पाजेब बाजि उठलसुनि मोन मयूर नाचि उठलहृदयक सुखल नदीमे जेनाप्रीतक अचानक बाढि उठल...!  राति रहै कतबो जे कारी, बिपति रहै कतबो भारीअन्हार त' भागि पड़ेतै, आसक दीप जरिते रहै छैसमयके खेल छै सभटा, कहियो ईजोत अन्हरियाकर्मके जे नहि तेजलक, ओ त' फल पबिते रहै छै…! दुख सुख रहै छै लागले मोस्किल त'अबिते रहै छैकानि किएक हम सोचि...

Tuesday, June 18, 2013

मैथिली गजल

भोर छै साँझ छै शहर छै गाम छैनोकरी बेपार छै बहुत रास काम छैजकर खून दौड़ै छै लोकक नश नशमेगाममे रहैछ ओ बुझू पाकल आम छैकतबो बिरोध रहै ओकर विचारसँ, मुदाओकरे कन्हा चढ़ि भेटल ई मकाम छैजुआनी गलि गेलै पूत सभके पोषयमेजे पूत बिसरै छै कपूत छै, पाषान छैओकर आत्मा जुरायल रहै मोनमे राखूस्वर्ग से हो यतै छै नर्क अहि ठाम छैजतबे रहै छै लोककें ओतबेमे निबाहै छैजिनगीक धूपमे बुझिते छी पिता छाँह छै....!   अनिल मल्लिक  ...

Sunday, June 16, 2013

मैथिली कविता

आहाँक याद जखन सतबैत अछि हमरा असगरे मेहमर धरकन किछ गुनगुनाईत रहैत अछि असगरे मेकखनो आहाँ चलि आउ खुलल अछि मोनाक केबारहमर प्रीत आईयो बजबैत अछि आहाँके असगरे मेआब त आहाँ चैन सं सुतहु नै दैत छि राति मेसपनो मे आवि, आवि जगबैत छि हमरा असगरे मेआहाँ त गुमसुम रहैत छि प्रेम मे लुटाकय सबकिछआहाँक नाम लिख लिख हम मेटबई छि असगरे मेअनहार राईत, वर्षा-बिहाईर किछियो रहैत अछि तैयोप्रेमक दीप बारने हमरा लग अबै छि आहाँ असगरे मेप्रेम त अछिय आहाँक गजब शरारत सहो अजिब अछिबहुत सिद्दत स प्रेमक अर्थ बुझबैत छि आहाँ असगरे मेआहाँक...

Saturday, June 15, 2013

महेशवाणी

हमरो गौरी छ्ती बड सह लोलिकोनाक पिस थिन भाँगक गोलि,हातोमे परिगेलैन लोढाके ठेला कि मोर गौरी रहती कोनानहिरा मे खाथिन गौरी खोआ दुध, मिश्रीससुरा मे भाँग धतुर , कि गौरी मोर रहती कोनानहिरा मे पहिरथिन गौरी लहँगा औ सारिससुरा मे मृगके छाला , कि गौरी मोर रहती कोनानहिरा ...

महेशवाणी

बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जि दुलह्बाकौने हात डमरु शोभे कौने त्रीशुल धारिकहाँ  सँ  बहैछै गंगा के धरबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा बायाँ हाते डमरु शोभे दहिने त्रीशुल धारिजटबा सँ बहैछै गँगाके धरबा आगे माई शंकर जि दुलह्बाकहाँ बिभुत शोभे, कहाँ रुद्र मालाकहाँ शोभै छै मृगके छाला आगे माई शंकर जि दुलह्बाअगँ बिभुत...

महेशवाणी

सभा पैसी जोही एक लएलनि, कएलनी लेलिन बुढबा जमाएगे माई । ।बसहा चढल शिव डमरु बजाबथी, अगँ मे भस्म रमाये गे माई । ।अगँने अगँने शिव भिख मगै छथि, देहरी पर धुनिया रमाये गे माईजटा देखी गौरी थर थर काँपथि, बिभुत देखी के डराई गे माई । ।सौतीन देखी गौरी मनमन सोचथि, किय लय करबै सुख विलास गे माईजटा छैक गौरी सिरके लपेटब, से विभुत छैक, अहिबात गे माई । ।सौतीन छैक गौरी सँग के सहेली से शिव लय करैब विलास गे माई ...

महेशवाणी

 डमरु बजाक मन मोही लेलकै, गौरी के सजनमादौरी दौरी गौरी आसनी आन गेलीमृग के छाला ओछालेलकै, गौरी के सजनमाडमरु बजाक मन ……………….दौरी दौरी गौरी तेल आन गेलीअँगोमे भस्म रमालेलकै, गौरी के सजनमाडमरु बजाक मन ……………….दौरी दौरी गौरी माखन आन गेलीभाँगके गोला चिबालेलकै, गौरी के सजनमाडमरु बजाक मन …………...

महेशवाणी

एक दिन जयबै हमसब नदिके किनार योछुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।एक दिन यमराज भैया औथिनपकडिकै चारोदिश घिसिऔथिन । । २ । ।तखन धिरे - धिरे पुछथिन हिसाब योछुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।चौका चार कहाँरिया आयताएकटा पालकी बनयता । । २ओइपर झाकी बिछौता ललका ओहार योछुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।छित, जल, पावक, गगन, समिरपञ्च तत्वसे रचल शरिर । ।२ । ।शिवके भजन करबै हे तै बेरापार योछुइट जायतै घर द्वार यो ना ।...

महेशवाणी

गौरी दाई के अगुवा भेल मुदैया, ठगी लेलक रुपैयामन छल्, चित छल करितहुँ सुन्दर बर्, लय अयोला बुढबा जमैया, ठगी लेलक रुपैयागौरी दाई के ....................मन छल, चित छल करितहुँ धनीक घर्, लय अयोला गरीब जमैया, ठगी लेलक रुपैँयागौरी दाई के ....................gauri dai ke aguwa bhel mudaiyaa, Thagi lelaka rupaiyaaman chhal, chit chhal karitahu sundar bar, lay ayolaa buDhaba jamaiyaa, Thagi lelaka rupaiyaagauri dai ke.............man chhala, chit chhal karitahu dhanik ghar, lay ayolaa garib jamaiyaa, Thagi...

महेशवाणी

शिवजी सँ पुछे हिमाञ्चल के नारी , हिमाञ्चल के नारी बताद जोगियाकहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगियासबके तो देल भोला कोठा अँटारी सँ कोठा अँटारीअपना ल नै छओ टुटलो केबारी  बताद जोगियाकहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगियासबके तो देल भोला, खेत पथारी सँ खेत पथारीअपना ल नै छओ एकोधुर बारी बतादा जोगियाकहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगियासबके तो देल भोला, घोडा और गाडी सँ घोडा और गाडीअपना ल छओ भोला वहे बसहे सवारी बतादा जोगियाकहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगियाshivaji sa puche himaaynachal ke naari...

महेशवाणी

देखु किस्मत के खेल, गौरी महादेव के पहिने सँ मेलपुरी जिलेबी शिव के कोबर घर गेल्, पुरी जिलेबी छोडी -२ भाँग घोटी गेल्देखु किस्मत के खेल ...........तेल फुलेल शिवके कोबर घर गेल्, तेल फुलेल छोडी -२, भस्म लेपी लेलदेखु किस्मत के खेल...........पियर पिताम्बर शिवके कोबर घर गेल्, पियर पिताम्बर छोडी -२, मृग छल ओढिलेलदेखु किस्मत के खेल.............लाल पलङ शिवके कोबर घर गेल्, लाल पलङ छोडी -२, भुइँए लोटी गेलदेखु किस्मत के खेल...........dekhu kismat ke khela, gauri mahadev ke pahine sa melpuri jilebi shiv ke...

महेशवाणी

 धन धन नगर अयोध्या कि धन धन राजा दशरथ रेललना रे धन कोशीलया जि के भाग कि राम चन्द्र जि जन्म लेल रेआबहु पुरोहित पोथी शाहीत नेने रेललना रे गुनी दियौं बाबुआ के राशी कौने राशी जन्म लेल रेनौ मि नक्षत्र राम जि जन्मल कि शुभ दिन पाओल रेललना रे जब राम जि बारह बर्ष के होयत कि वन के सिधारथ रेएतबा वचन राजा सुनलनी सुन्हु नै पावल रेललना रे ठानिलेल गोर मोर चदरिया कि हम कौना जियब रेसोइरी घरस् बोल्थिन कोशीलया रानी आ आरो सुमित्रा रानी रेललना रे कतहु भय राम चन्द्र जि बथु हमरे कहैबथिन रे  Dhan Dhan Nagar...

मैथिली गीत - हम त घायल भैलियो

मैथिली के एक महान गायक धिरेन्द्र प्रेमर्शी आ रुपा झा के सुमधुर स्वर सँ भरल, एकबार सुन के प्रयाश करबhttp://www.youtube.com/watch?v=1-eIwu_K9eQ&feature=player_detailp...

महेशवाणी

गौरी के जोगिया हे, उमाके जोगियाडिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।कोठा ओ सोफा शिवके मनहुँ नै भावे - २टुटली मरैया ला बेहाल जोगियाडिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।पुरी जिलेबी शिवके मनहुँ नै भावे -२भाँग धतुर ला बेहाल जोगियाडिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।पिरे पिताम्बर शिवके मनहुँ नै भावे -२मृगके छाला ला बेहाल जोगियाडिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।साला दोसाला शिवके मनहुँ नै भावे -२बाघके छाला ला बेहाल जोगियाडिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।घोडा आ गाडी शिवके मनहुँ नै भावे -२बसहा...

Saturday, June 8, 2013

विद्यापती गीत

कह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया योकोनक विआहब अपनो धिया यो राजा जनक जि सभा लगावलदेश देश के विर भुप आओलकौने बिर तोडता धनुष लैजेता सिया योकह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो मुनी जि के सङ्गे दुगो बालक आयलबिर भुप हारी के भागी परावलमहल के भितर बैसके कन्थिन सिया योकह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो भन्ही विद्यापती सुनु मिथिलानिविधी के लिखल कोइसौ मेटियोनजाईरामचन्द्र तोडिके धनुष कैलनी बियाह योकह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो  kahthin sunainaa raani sunu piyaa yokonak viaahab apano dhiyaa yo raja...

मैथिली लोकगीत

  करबै हम खेती किसानयो भैया देशके बनायब महाननयाँ नयाँ बिज डालिके खेती करायबधान, गहुँम, मकै और तेल हम उपजाएबजै सौ बनत पकवान, यो भैया देशके बनायब महानमिथिला मै रहिक मैथिल कहेलौमिथिला एहन देश हम कतौ नै देखलौअहिठामक धर्ती महान, यो भैया देशके बनायब महानसाउन महिना मै कावँर सजायबसुलतान गँज सौ जल भर लायबआयब हम मिथिला थाम, यो भैया देशके बनायब महान karabai hum kheti kishanyo bhaiyaa deshake banaayaba mahananaya naya bij Daalike kheti karaayabadhaan, gahuma, makai aur tel hum upajaaebajai sau...

मैथिली लोकगीत

साउन के महिना  बहे पुरबा जोरम जोरकथि कहु ऐ सजनी देह दर्द करैय मोर लहसुन तेल पकाक  मालिस हमरा कयदियगावँके डाक्टर सौ हमरा के देखाय दियसुइके देखते थर थर काँपे जियरा मोररिमझिम - रिमझिम पाईन परैयसासुर जायके हमरा मोन करैयसासुर आबैला सालीजी करैछथी जोरकथि कहु ऐ सजनी देह दर्द करैय मोर लहँगा और चोली हमरा साली ला खरिद दियकान मै पहिर लेल झुमका बनाय दियअहुँ चलब त निक बढ लागत देखथिन गावँ के लोगकथि कहु ऐ सजनी देह दर्द करैय मोर   sawan ke mahinaa  bahe purabaa joram jorkathi...

मैथिली - राम विवाहक गीत

चलु चलु चलु सखी जनक किसोरी भवनमा हे,सिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।भरत, सत्रुघन छथिन सङे लक्ष्मण भैया हेउटपर नगरा बाजे घण्टा घरैया हे । ।सिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।माथे पर मौरी सोभे लिलरा चन्द्रमा हेबड निक लगै छै हाथ मे कङ्गनमा हेसिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।गोरे रङ सिता छथिन श्यामल पहुनमा हेआनन्द बधैया बाजे जनक भवनमा हेसिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । । chalu chalu chalu sakhi janak kisori bhawanamaa he,sita sanga byaahi layelaa dasharatha lalanamaa he ..bharata,...

Thursday, June 6, 2013

मैथिली कविता

एहन सुन्दर मिथिला धाम, दोसर पायब कोना ठाम - २धनुष तोडने छथिन राम जनकपुर मे । । २ । ।मिथिला राजा जनक जि के नगरि, अहिठाम रावण गाडलखिन गगरी - २साक्षात लक्ष्मी लेल अवतार जनकपुर मे । । २ । ।श्री राम जनकपुर मे अयलौन, शिव धनुष के तोडलौन्केलन सिता सँग ...

मैथिली कविता

मिथिला राज के माँग जे उठलै नकाब ओकरा उतारैत देखलौकहै छलै हमर धर्म छै मिथिला नया धर्म अपनाबैत देखलौसमाज केना सहि रहल छै तालिबानी पाएर पसारैत देखलौंनिर्दोष सब के खून स ओकरा अपन पियास बुझाबैत देखलौंतरह तरह के मदारी सब के डम डम डमरु बजाबैत देखलौंककरो अखण्ड ककरो खण्ड खण्ड स्वतँत्र टुकडा माँगैत देखलौंअपन स्वार्थ के खातीर किछु के नीत नव सपना बाँटैत देखलौंहमरो चाही हमरो चाही किछु के सपना माँगैत देखलौं“रा-वन” सब के फेसबुक पर राम कथा हम बाचैत देखलौंराजनिती के केसिनो मे मानवता के हारैत देखलौंआन'क घर के "भगत"...

मैथिली कविता

बहन्ना ओकर कत्तेक सुनिएै बड निष्ठुर मन मीत हमर अछिबदलैत मौसम डर लगैया बड ब्याकुल सन प्रीत हमर अछिसीत'क बुन सन सिनेह ओकर साओन'क मेघ बनी वरसलै नैबाट तकैत आँखि पथरायल बड उदास सन सीथ हमर अछिकहब सुनब कीछ ने बाँकी राखब हृदय के भितर आब त हमजीबन पथ पर साथ चलब हम ओकरे संग हित हमर अछिबितल मास बसन्ती राग बसन्ती पतंग बनी उडि पहुँचितौं हमलोक लाज सॉ पाएर उठल नै केहन समाज'क रीत हमर अछिबरख बितेलकै सुधि जे बिसरलै आब त नै मानबै कहूना हमबिन ओकरे नै खेललौं फगुआ लगयलौं नै रंग जिद हमर अछिपूर्ण चन्द्र छै मुदा लगैत अमाबस...

मैथिली गीत - मिनती

काली देवी दुर्गा भवानी छि कि मोर, देखु देखु मैया शरण मे एलौ तोरगंगा निकट सं माटी कोरी लायब, काली देवी के हम पिरिया बनायबपिरिया निषैते आशिष दियौ मोर, देखु देखु मैया शरण मे एलौ तोरमलिया आगँन सं मौरी मँगायब, काली देवी के हम मौरी टँगायबमौरी टगँबिते आशिष दियौ मोर, देखु देखु मैया शरण मे एलौ तोर ।। kali devi durga bhawaani chhi ki mor, dekhu dekhu maiya sarana mai elau torganga nikata sa maati kori laayaba, kali devi ke hum piriyaa banaayabapiriyaa nishaite aashiSh diyau mor, dekhu dekhu maiyaa sarana...

मैथिली गीत - बेटा लगन

सुन्दर माँय बापँ, सुन्दर पल्किया, सुन्दर साजु बरीयात धनुष धरियासब बारीयाती मिली जनकपुर निक्सल जय जय बाजु सब लोग धनुष धरियाएक कोश गेला राम, दुई कोश गेला, तेसर मे लाग्ल पियास धनुष धरियागाछ बिरिछ चढि ताकु बाबु लक्ष्मण कतहुनै मिलल सरोबर धार धनुष धरियाकन्या कुमारी एक आवैत देखल कलश भरल जुर पानी धनुष धरियाहात धएय लेल राम जघिंया बेसावल, पुछ लगला दिलके बात धनुष धरियाके कर बेटी तु हुँ, के कर दुलारी, कवने कुल होएत बियाह धनुष धरियाजनक जि के बेटी हम छि, दशरथ कुल होयत बियाह धनुष धरियासे हे सुनी राम सिन्दुर बेशाहल,...

मैथिली गीत - बटगवनी

चानन भेल बिषम सर रे, भुषन भेल भारीसपनेहु हरि नही आयल रे, गोकुल गिरधारीअश्गर ठाडी कदम तर रे, पथ हेरथी मुरारीहरि बिनु देह दगध भेल रे, झाझर भेल सारीजहाँ जहाँ तोहे जाहुँ उधव रे, मधुपुर जाहुँचन्द्र वदन नही जिवत रे, वध लागल भारीभन्हि विधापती गावल रे, सुनु गुणवती नारीआज आवत हरि गोकुल रे, पथ चलु झट झारी ।।chaanan bhel bisham sar re, bhushan bhel bhaarisapanehu hari nahi aayal re, gokul giradhaariashgar thaadi kadam tara re, path herathi muraarihari binu deha dagadh bhel re, jhaajhara bhel sarijaha jaha...

मैथिली गीत - बटगवनी

कुन्ज भवन सं निक्सल रे रोकल गिर धारीएक ही नगर बसुँ माधव रे, जनी करु बट्मारीछोरु कन्हैया मोरा आचँर रे, फाट्त नव सारीअपजस् होयत जगत भरी रे, करिय उधारीसँगक सखी सब आगु आयत रे, हम असगर नारीदामिनी दमक तुलाईल रे, एक रात अन्हारीभन्हि विधापती गावल रे, सुनु गुणवती नारीहरि जि के सँग कछु डर नही रे, चलु झट झारी ।।kunja bhawan sa nikasal re rokal gir dhaariek hii nagar basu madhav re, jani karu batmarichoru kanhaiyaa moraa aachar re, faatat nawa sariapajasa hoyat jagat bhari re, kariya udhaarisangak sakhi sab...

मैथिली - परिछन गे गीत

बहिना गे कोना क परिछब सिया जि के बर केलगैय हमरा डर गे ना । ।बरके बापके पाकल दाढि, हुनका तीन तीनटा महतारिबरके देखिके हमरा बुझाइय चित चोर गे । । लगैय हमरा डर गे ना । ।बर छैथ बचपन सौ धनुष धारी उ त बनौलन पथल के नारीहिनका देखिते देखिते भगेल साँझ स भोर गे । ।...

मैथिली गीत – नचारी

तर बहु गँगा, उपर बहु जमुना, बिचे बहु सरस्वती धार गे माईताही ठाम शिवजी पलंग बिछाओल, जटाके देलखिन छिरिआई गे माई । ।फुल लोढ गेलनी गौरी कुमारी, आँचर धय लेल बिल माई गे माईछोरु छोरु आहे शिव मोरे आँचरवा, हम छी बारी कुमारी गे माई । ।बाबा मोरा सुन्ता हाती चढि ऐता, भैया बन्दुक लय देखावे गे माईअम्मा सुनती जहर खाय मरति, भावी मोरा खुशी भय बैसती गे माई । ।सेहो सुनी शिवजी सिन्दुर बेसाहल, गौरी बेटी राखल बयाही गे माई...

मैथिली – गौरी गीत

पिया यो छोडु नै आँचर, भोर भिनसरवा भेलै ना,धनी ए बैसु मोर पलङ, अधिरतिया भेलै नाभोरे जे उठबैइ, फूल लोढी लायब से दुनु मिली नापिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,पिया यो छोडु नै आँचर .................भोरे जे उठबैइ जल भरी लायब से दुनु मिली नापिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,पिया यो छोडु नै आँचर ................भोरे जे उठबैइ नैबेध किनी लायब से दुनु मिली नापिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,पिया यो छोडु नै आँचर ................ piyaa yo chhodu nai aachara, bhor bhin sarawa bhelai naa,dhani...

Tuesday, June 4, 2013

मैथिली – गौरी गीत

नदिया किनारे गौरी ठार रे, फूल द दे मलिनियागिरिजा पुजन हम जाएब रे, फूल द दे मलिनियाकथि मे लोडब बेली चमेली, कथि मे लोडब गुलाब गे, फूल द दे मलिनियासाजी मे लोडब बेली चमेली, खोइँचा मे लोडब गुलाब गे, फूल द दे मलिनियानदिया किनारे गौरी ठार रे............किनका चढायब बेली चमेली, किनका चढायब गुलाब गे, फूल द दे मलिनियानदिया किनारे गौरी ठार रे............किनका सँ मागँब अनधन सम्पैत ,किनका सँ मागँब सोहाग गे ,फूल द दे मलिनियानदिया किनारे गौरी ठार रे............लक्ष्मी सँ मागँब अन्धन सम्पैत गौरी सँ मागँब सोहग गे,...

मैथिली – गौरी गीत

पिया यो छोडु नै आँचर, भोर भिनसरवा भेलै ना,धनी ए बैसु मोर पलङ, अधिरतिया भेलै नाभोरे जे उठबैइ, फूल लोढी लायब से दुनु मिली नापिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,पिया यो छोडु नै आँचर .................भोरे जे उठबैइ जल भरी लायब से दुनु मिली नापिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,पिया यो छोडु नै आँचर ................भोरे जे उठबैइ नैबेध किनी लायब से दुनु मिली नापिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,पिया यो छोडु नै आँचर ................piyaa yo chhodu nai aachara, bhor bhin sarawa bhelai naa,dhani ye...

Page 1 of 2112345Next
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More