अहि ठाम छलै राम, भँगियाके झोरिया, से हो लेल गौरी चोराई गे माईएतबा बचन जब सुनलनी गौरी , रुसी नैहर चली गेल गे माई । । आहे माई, पर हे परोसिन गौरी के दिय सम्झाई गे माईहम नही लौटब भोला मुँह देखब, मरब जहर बिख खाई गे माई । । कथि लाय हम अतेक जपतपलहुँ, कथि लाय धयल निती ध्यान गे माईहमरो धिया के एहन बर होय, आब हम होयब बताही गे माई । । फेकी देल हालाडाला, फेकी देल चँगेरी हे फोरी देल चौमुख दिप गे माईधिया लै मनाईन मुनहरी घर पैसल, ठोकी देल बजरी केवारी गे माई ।...