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Sunday, June 30, 2013

महेशवाणी

अहि ठाम छलै  राम, भँगियाके झोरिया, से हो लेल गौरी चोराई गे माई

एतबा बचन जब सुनलनी गौरी , रुसी नैहर चली गेल गे माई  । ।

 

आहे माई, पर हे परोसिन गौरी के दिय सम्झाई गे माई

हम नही लौटब भोला मुँह देखब, मरब जहर बिख खाई गे माई  । ।

 

कथि लाय हम अतेक जपतपलहुँ, कथि लाय धयल निती ध्यान गे माई

हमरो धिया के एहन बर होय, आब हम होयब बताही गे माई  । ।

 

फेकी देल हालाडाला, फेकी देल चँगेरी हे फोरी देल चौमुख दिप  गे माई

धिया लै मनाईन मुनहरी घर पैसल, ठोकी देल बजरी केवारी गे माई  । ।

 

खिरकी के ओते ओते ताकथि गौरी दाई, तिल भरी  भेष बदलिए गे माई

साजी लेल हालाडाला, साजी लेल चँगेरिया, लेसी लेल चौमुख दिप गे माई

भेल विवाह परल सिर सिन्दुर, शिव चलु कोबर घर गे माई  । ।

 

Sunday, June 23, 2013

मैथिली गजल

जिनगी भरि'क साथ बीचेमे किए छोड़ि देलियै
हमर ओ सपना सतरँगी किए तोड़ि देलियै

कहियै केकरासँ सुनतै के सिकाइतो हमर
दोख कहाँ कहलौं नया रस्ता किए खोजि लेलियै

रहि रहि आब भीजैत रहै छै जे आँखि हमर
ई सागर छै नोरक अहिमे किए बोरि देलियै

पहिल भेंटक फूल सुखि गेल तैयो रखने छी
मोनक फूलबारी कहू अहाँ किए नोंचि लेलियै

सहलो ने जाइया केहन जरै छै मोन हमर
बिरहक आगि मे जे हमरा किए झोंकि देलियै….!   अनिल मल्लिक  !!!

मैथिली गजल

रुप रँग एके दुख रँज एके
दोसराके पछाड़यके ढँग कते

भेल बहुत भेल आबो सोचियौ
तौलू अपना मे अछि ढँग कते

ई हम कयलौं तों की कयले
कहिआ धरि आ ई प्रपँच कते

बिनु बातक रगड़मे पड़ल रहब
अहिसँ अछि मिथिला तँग कते

क्षय नै दोसराक, देश राग रचू
अपन जयक रचू नव छँद जते ...!        अनिल मल्लिक  !!!

Friday, June 21, 2013

मैथिली सायरी

अछि आस बस अहिँसँ, हमर साँस अछि अहिँसँ
देखीते रही अहिँके, केहन पिआस अछि अँहिसँ

दु किनार जेना नदीके, कोना भेलै जिनगी अपन
अहि समयके काटि लेबै,से बिश्वास अछि अहिँसँ....!

 

छम छम पाजेब बाजि उठल
सुनि मोन मयूर नाचि उठल

हृदयक सुखल नदीमे जेना
प्रीतक अचानक बाढि उठल...!

 

 

राति रहै कतबो जे कारी, बिपति रहै कतबो भारी
अन्हार त' भागि पड़ेतै, आसक दीप जरिते रहै छै

समयके खेल छै सभटा, कहियो ईजोत अन्हरिया
कर्मके जे नहि तेजलक, ओ त' फल पबिते रहै छै…!

 

दुख सुख रहै छै लागले मोस्किल त'अबिते रहै छै
कानि किएक हम सोचि जिनगी गीत गबिते रहै छै ....!

 

मौसम बदलैत रहल, आस जरैत रहल
फूलक ने बात पुछू, पात पात झरैत रहल

फेरो अयलै बसंत, फागुन फगुनाहट नेने
सुन्दर भोरक आसमे ओ राति काटैत रहल....!

 

शेर लिखू हम गीत लिखू
मोन होएत अछि कोनो गजल लिखू

नजरि हटितै, त' ने लिखितौं…,
कोना कलम भेल बेकहल लिखू…..!

 

देश रहय परदेश रहय,चाहे कोनो परिवेश रहय
राखब मोन मे अपना सभ सदिखन,
कहुना मैथिल सँस्कृती बिषेश रहय.......!

"बर्रे" इ बनाओल गेल अछि सुप्रीता कर्ण जी द्वारा !
अहि कलाके सीखबाक लेल एखन ओ प्रयाशरत छथि…!

 

अहाँ लेल खेल छल किछु दिन के, की कोनो मजबूरी छल
सूनलौं ने किया किछु हमर, मोने मे हमर बात रहल

जागल छी बहुत दिन सॉ आब, सुतितौं हम चिर निद्रा मे
देह के राखू कतेक दिन हम, देखू हमर जान चलल…..!

 

 

हम चाहब की अहिसँ बेसी की सभक मोनमे एहन उल्लास रहय
कोनो अन्हार के नहि कतहु बास भेटय दीप'क एहन प्रकाश रहय.....!

 

 

Tuesday, June 18, 2013

मैथिली गजल

भोर छै साँझ छै शहर छै गाम छै
नोकरी बेपार छै बहुत रास काम छै

जकर खून दौड़ै छै लोकक नश नशमे
गाममे रहैछ ओ बुझू पाकल आम छै

कतबो बिरोध रहै ओकर विचारसँ, मुदा
ओकरे कन्हा चढ़ि भेटल ई मकाम छै

जुआनी गलि गेलै पूत सभके पोषयमे
जे पूत बिसरै छै कपूत छै, पाषान छै

ओकर आत्मा जुरायल रहै मोनमे राखू
स्वर्ग से हो यतै छै नर्क अहि ठाम छै

जतबे रहै छै लोककें ओतबेमे निबाहै छै
जिनगीक धूपमे बुझिते छी पिता छाँह छै....!   अनिल मल्लिक  !!!

Sunday, June 16, 2013

मैथिली कविता



आहाँक याद जखन सतबैत अछि हमरा असगरे मे
हमर धरकन किछ गुनगुनाईत रहैत अछि असगरे मेकखनो आहाँ चलि आउ खुलल अछि मोनाक केबार
हमर प्रीत आईयो बजबैत अछि आहाँके असगरे मेआब त आहाँ चैन सं सुतहु नै दैत छि राति मे
सपनो मे आवि, आवि जगबैत छि हमरा असगरे मे

आहाँ त गुमसुम रहैत छि प्रेम मे लुटाकय सबकिछ
आहाँक नाम लिख लिख हम मेटबई छि असगरे मे

अनहार राईत, वर्षा-बिहाईर किछियो रहैत अछि तैयो
प्रेमक दीप बारने हमरा लग अबै छि आहाँ असगरे मे

प्रेम त अछिय आहाँक गजब शरारत सहो अजिब अछि
बहुत सिद्दत स प्रेमक अर्थ बुझबैत छि आहाँ असगरे मे

आहाँक ईमेल, फोटो, मेसेज सब रखने छि आई धरि
आहाँक मिसकल येखनो अबैत अछि हमरा असगरे मे  .......     दीपाली कर्ण !


Saturday, June 15, 2013

महेशवाणी

हमरो गौरी छ्ती बड सह लोलि

कोनाक पिस थिन भाँगक गोलि,

हातोमे परिगेलैन लोढाके ठेला कि मोर गौरी रहती कोना


नहिरा मे खाथिन गौरी खोआ दुध, मिश्री

ससुरा मे भाँग धतुर , कि गौरी मोर रहती कोना


नहिरा मे पहिरथिन गौरी लहँगा औ सारि

ससुरा मे मृगके छाला , कि गौरी मोर रहती कोना


नहिरा मे ओढती गौरि, साला दोसाला

ससुरा मे बाघक छाला,  कि गौरी मोर रहती कोना

महेशवाणी






बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा

कौने हात डमरु शोभे कौने त्रीशुल धारि

कहाँ  सँ  बहैछै गंगा के धरबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा

 
बायाँ हाते डमरु शोभे दहिने त्रीशुल धारि

जटबा सँ बहैछै गँगाके धरबा आगे माई शंकर जि दुलह्बा


कहाँ बिभुत शोभे, कहाँ रुद्र माला

कहाँ शोभै छै मृगके छाला आगे माई शंकर जि दुलह्बा


अगँ बिभुत शोभे, गले रुद्र माला

डाँरोमे शोभेला मृगके छाला आगे माई शंकर जि दुलह्बा

बसहाँ  चढल मतबलबा …….

महेशवाणी





सभा पैसी जोही एक लएलनि, कएलनी लेलिन बुढबा जमाएगे माई । ।

बसहा चढल शिव डमरु बजाबथी, अगँ मे भस्म रमाये गे माई । ।


अगँने अगँने शिव भिख मगै छथि, देहरी पर धुनिया रमाये गे माई

जटा देखी गौरी थर थर काँपथि, बिभुत देखी के डराई गे माई । ।


सौतीन देखी गौरी मनमन सोचथि, किय लय करबै सुख विलास गे माई

जटा छैक गौरी सिरके लपेटब, से विभुत छैक, अहिबात गे माई । ।


सौतीन छैक गौरी सँग के सहेली से शिव लय करैब विलास गे माई  ……

महेशवाणी

 

डमरु बजाक मन मोही लेलकै, गौरी के सजनमा

दौरी दौरी गौरी आसनी आन गेली

मृग के छाला ओछालेलकै, गौरी के सजनमा

डमरु बजाक मन ……………….


दौरी दौरी गौरी तेल आन गेली

अँगोमे भस्म रमालेलकै, गौरी के सजनमा

डमरु बजाक मन ……………….



दौरी दौरी गौरी माखन आन गेली

भाँगके गोला चिबालेलकै, गौरी के सजनमा

डमरु बजाक मन ……………….

महेशवाणी

एक दिन जयबै हमसब नदिके किनार यो
छुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।

एक दिन यमराज भैया औथिन
पकडिकै चारोदिश घिसिऔथिन । । २ । ।
तखन धिरे - धिरे पुछथिन हिसाब यो
छुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।

चौका चार कहाँरिया आयता
एकटा पालकी बनयता । । २
ओइपर झाकी बिछौता ललका ओहार यो
छुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।

छित, जल, पावक, गगन, समिर
पञ्च तत्वसे रचल शरिर । ।२ । ।
शिवके भजन करबै हे तै बेरापार यो
छुइट जायतै घर द्वार यो ना । ।

महेशवाणी







गौरी दाई के अगुवा भेल मुदैया, ठगी लेलक रुपैया
मन छल्, चित छल करितहुँ सुन्दर बर्, लय अयोला बुढबा जमैया, ठगी लेलक रुपैया
गौरी दाई के ....................
मन छल, चित छल करितहुँ धनीक घर्, लय अयोला गरीब जमैया, ठगी लेलक रुपैँया
गौरी दाई के ....................



gauri dai ke aguwa bhel mudaiyaa, Thagi lelaka rupaiyaa
man chhal, chit chhal karitahu sundar bar, lay ayolaa buDhaba jamaiyaa, Thagi lelaka rupaiyaa
gauri dai ke.............
man chhala, chit chhal karitahu dhanik ghar, lay ayolaa garib jamaiyaa, Thagi lelaka rupaiyaa
gauri dai ke.............

महेशवाणी


शिवजी सँ पुछे हिमाञ्चल के नारी , हिमाञ्चल के नारी बताद जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया

सबके तो देल भोला कोठा अँटारी सँ कोठा अँटारी
अपना ल नै छओ टुटलो केबारी  बताद जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया

सबके तो देल भोला, खेत पथारी सँ खेत पथारी
अपना ल नै छओ एकोधुर बारी बतादा जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया

सबके तो देल भोला, घोडा और गाडी सँ घोडा और गाडी
अपना ल छओ भोला वहे बसहे सवारी बतादा जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया



shivaji sa puche himaaynachal ke naari , himaaynachal ke naari batada jogiyaa
kaha raakhab gaura pyaari , batada jogiyaa

sabake to dela bhola kotha ataari sa kotha ataari
apana la nai chhao tutalo kebari  batad jogiyaa
kaha raakhab gaura pyaari , batada jogiyaa

sabake to dela bhola, khet pathari sa khet pathari
apana la nai chhao ekodhur bari batada jogiyaa
kaha raakhab gaura pyaari , batada jogiyaa

sabake to dela bhola, ghoda aur gaadi sa ghoda aur gaadi
apana la chhao bhola wahe basahe sawaari batada jogiyaa
kaha raakhab gaura pyaari , batada jogiyaa

महेशवाणी



देखु किस्मत के खेल, गौरी महादेव के पहिने सँ मेल
पुरी जिलेबी शिव के कोबर घर गेल्, पुरी जिलेबी छोडी -२ भाँग घोटी गेल्
देखु किस्मत के खेल ...........

तेल फुलेल शिवके कोबर घर गेल्, तेल फुलेल छोडी -२, भस्म लेपी लेल
देखु किस्मत के खेल...........

पियर पिताम्बर शिवके कोबर घर गेल्, पियर पिताम्बर छोडी -२, मृग छल ओढिलेल
देखु किस्मत के खेल.............

लाल पलङ शिवके कोबर घर गेल्, लाल पलङ छोडी -२, भुइँए लोटी गेल
देखु किस्मत के खेल...........


dekhu kismat ke khela, gauri mahadev ke pahine sa mel
puri jilebi shiv ke kobar ghar gel, puri jilebi chhodi -2
bhaang ghoti gel, dekhu kismat ke khel ..........

tel fulel shivake kobar ghar gel, tel fulel chhodi -2
bhasm lepi lel, dekhu kismat ke khel ...........

piyar pitaambar shivake kobar ghar gel, piyar pitaambar chhodi -2
mrig chhal odhilel, dekhu kismat ke khel ............

lal palanga shivake kobar ghar gel, lal palanga chhodi -2
bhuie loti gel, dekhu kismat ke khel ............

महेशवाणी

 
धन धन नगर अयोध्या कि धन धन राजा दशरथ रे
ललना रे धन कोशीलया जि के भाग कि राम चन्द्र जि जन्म लेल रे
आबहु पुरोहित पोथी शाहीत नेने रे
ललना रे गुनी दियौं बाबुआ के राशी कौने राशी जन्म लेल रे
नौ मि नक्षत्र राम जि जन्मल कि शुभ दिन पाओल रे
ललना रे जब राम जि बारह बर्ष के होयत कि वन के सिधारथ रे
एतबा वचन राजा सुनलनी सुन्हु नै पावल रे
ललना रे ठानिलेल गोर मोर चदरिया कि हम कौना जियब रे
सोइरी घरस् बोल्थिन कोशीलया रानी आ आरो सुमित्रा रानी रे
ललना रे कतहु भय राम चन्द्र जि बथु हमरे कहैबथिन रे

  

Dhan Dhan Nagar Ayodya ki Dhan Dhan Raja Dasharath re

Lalan re Dhan Koushilaya ji ke Bhag ki Ram Chandra ji janam lel re

Aabahu pruohit pothi sahit nene re

lalana re guni diyou babuaa ke rashi koune rashi janam lel re

Naumi Nachatra Ram ji janamla ki subha din paola re

Lalana re jab Ram ji barha barshe ke hoyat ki wan ke sidharath re

Etaba bachan raja sunal ni sunahu nai pawal re

Lalana re thani lel gor mor chadariya ki hum kouna jiyab re

Soyari ghar se bolathin koushilaya rani aa aaro sumitra rani re

Lalana re kathu bhaya ram Chandra ji bathu hamre khaibathin re

मैथिली गीत - हम त घायल भैलियो

मैथिली के एक महान गायक धिरेन्द्र प्रेमर्शी आ रुपा झा के सुमधुर स्वर सँ भरल, एकबार सुन के प्रयाश करब

http://www.youtube.com/watch?v=1-eIwu_K9eQ&feature=player_detailpage

महेशवाणी

गौरी के जोगिया हे, उमाके जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।


कोठा ओ सोफा शिवके मनहुँ नै भावे - २
टुटली मरैया ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।


पुरी जिलेबी शिवके मनहुँ नै भावे -२
भाँग धतुर ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।


पिरे पिताम्बर शिवके मनहुँ नै भावे -२
मृगके छाला ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।


साला दोसाला शिवके मनहुँ नै भावे -२
बाघके छाला ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।


घोडा आ गाडी शिवके मनहुँ नै भावे -२
बसहा बयल ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया । ।
गौरी के जोगिया हे, उमाके जोगिया । ।

Saturday, June 8, 2013

विद्यापती गीत

कह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो

कोनक विआहब अपनो धिया यो

 

राजा जनक जि सभा लगावल

देश देश के विर भुप आओल

कौने बिर तोडता धनुष लैजेता सिया यो

कह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो

 

मुनी जि के सङ्गे दुगो बालक आयल

बिर भुप हारी के भागी परावल

महल के भितर बैसके कन्थिन सिया यो

कह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो

 

भन्ही विद्यापती सुनु मिथिलानि

विधी के लिखल कोइसौ मेटियोनजाई

रामचन्द्र तोडिके धनुष कैलनी बियाह यो

कह्थिन सुनैना रानी सुनु पिया यो

 

 

kahthin sunainaa raani sunu piyaa yo

konak viaahab apano dhiyaa yo

 

raja janak ji sabhaa lagaawala

desh desh ke bir bhup aaola

kaune bir todata dhanush laijetaa siyaa yo

kahthin sunainaa raani sunu piyaa yo

 

muni ji ke sangge dugo baalak aayala

bir bhup haari ke bhaagi paraawal

mahal ke bhitar baisake kanthin siyaa yo

kahthin sunainaa raani sunu piyaa yo

 

bhanahi vidyaapati sunu mithilaani

vidhi ke likhal koisau metiyonajaaii

raamchandra todike dhanush kailani biyaaha yo

kahthin sunainaa raani sunu piyaa yo

मैथिली लोकगीत

 

 

करबै हम खेती किसान

यो भैया देशके बनायब महान
नयाँ नयाँ बिज डालिके खेती करायब
धान, गहुँम, मकै और तेल हम उपजाएब
जै सौ बनत पकवान, यो भैया देशके बनायब महान
मिथिला मै रहिक मैथिल कहेलौ
मिथिला एहन देश हम कतौ नै देखलौ
अहिठामक धर्ती महान, यो भैया देशके बनायब महान
साउन महिना मै कावँर सजायब
सुलतान गँज सौ जल भर लायब
आयब हम मिथिला थाम, यो भैया देशके बनायब महान

 
karabai hum kheti kishan
yo bhaiyaa deshake banaayaba mahana
naya naya bij Daalike kheti karaayaba
dhaan, gahuma, makai aur tel hum upajaaeba
jai sau banata pakawaan, yo bhaiyaa deshake banaayaba mahana
mithilaa mai rahika maithil kahelau
mithilaa ehan desha hum katau nai dekhalau
ahithamak dharti mahana, yo bhaiyaa deshake banaayaba mahana
shaawan mahinaa mai kaawara sajaayab
sulataan ganja sa jal bhar laayaba
aayaba hum mithilaa thaam,yo bhaiyaa deshake banaayaba mahana

मैथिली लोकगीत

साउन के महिना  बहे पुरबा जोरम जोर

कथि कहु ऐ सजनी देह दर्द करैय मोर

 

लहसुन तेल पकाक  मालिस हमरा कयदिय

गावँके डाक्टर सौ हमरा के देखाय दिय

सुइके देखते थर थर काँपे जियरा मोर

रिमझिम - रिमझिम पाईन परैय

सासुर जायके हमरा मोन करैय

सासुर आबैला सालीजी करैछथी जोर

कथि कहु ऐ सजनी देह दर्द करैय मोर

 

लहँगा और चोली हमरा साली ला खरिद दिय

कान मै पहिर लेल झुमका बनाय दिय

अहुँ चलब त निक बढ लागत देखथिन गावँ के लोग

कथि कहु ऐ सजनी देह दर्द करैय मोर

 

 

 

sawan ke mahinaa  bahe purabaa joram jor

kathi kahu ai sajani deh dard karaiya mor

 

lahasun tel pakaaka  maalisa hamaraa kayadiya

gaawake doctor sau hamaraa ke dekhaaya diya

suike dekhate thar thar kaape jiyaraa mor

rimajhim - rimajhim paaiina paraiya

saasur jaayake hamaraa mon karaiya

saasur aabailaa saliji karaichhathi jor

kathi kahu ai sajani deh dard karaiya mor

 

lahangaa aur choli hamaraa sali laa kharid diya

kaan mai pahira lela jhumakaa banaaya diya

ahu chalaba ta nik bada laagata dekhathin gaawake log

kathi kahu ai sajani deh dard karaiya mor

 

मैथिली - राम विवाहक गीत

चलु चलु चलु सखी जनक किसोरी भवनमा हे,

सिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।

भरत, सत्रुघन छथिन सङे लक्ष्मण भैया हे
उटपर नगरा बाजे घण्टा घरैया हे । ।
सिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।

माथे पर मौरी सोभे लिलरा चन्द्रमा हे
बड निक लगै छै हाथ मे कङ्गनमा हे
सिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।

गोरे रङ सिता छथिन श्यामल पहुनमा हे
आनन्द बधैया बाजे जनक भवनमा हे
सिता सँग ब्याही लएला दशरथ ललनमा हे । ।

 

chalu chalu chalu sakhi janak kisori bhawanamaa he,
sita sanga byaahi layelaa dasharatha lalanamaa he ..

bharata, satrughan chhathin sange lakshman bhaiyaa he
utapar nagaraa baaje ghanta gharaiyaa he ..
sita sanga byaahi layelaa dasharatha lalanamaa he ..


maathe par mauri sobhe lilaraa chandramaa he
bad nik lagai chhai haatha me kangaganamaa he
sita sanga byaahi layelaa dasharatha lalanamaa he ..

gore ranga sita chhathin shyaamal pahunamaa he
aanand badhaiyaa baaje janak bhawanamaa he
sita sanga byaahi layelaa dasharatha lalanamaa he ..

 

Thursday, June 6, 2013

मैथिली कविता

एहन सुन्दर मिथिला धाम, दोसर पायब कोना ठाम - २

धनुष तोडने छथिन राम जनकपुर मे । । २ । ।


मिथिला राजा जनक जि के नगरि, अहिठाम रावण गाडलखिन गगरी - २

साक्षात लक्ष्मी लेल अवतार जनकपुर मे । । २ । ।


श्री राम जनकपुर मे अयलौन, शिव धनुष के तोडलौन्

केलन सिता सँग ब्याह जनकपुर मे । । २ । ।


मिथिला के धरती सुन्दर सलौना, खाली उपजै छै मोती सोना

खेत मे देखबै मेहिया धान जनकपुर मे । । २ । ।


एक दिश बहैत छै कमला नदि, दोसर छै जलेश्वर नाथके मन्दिर

तेसर छै विद्यापती जि के गाम जनकपुर मे । । २ । ।

मैथिली कविता

मिथिला राज के माँग जे उठलै नकाब ओकरा उतारैत देखलौ
कहै छलै हमर धर्म छै मिथिला नया धर्म अपनाबैत देखलौ

समाज केना सहि रहल छै तालिबानी पाएर पसारैत देखलौं
निर्दोष सब के खून स ओकरा अपन पियास बुझाबैत देखलौं

तरह तरह के मदारी सब के डम डम डमरु बजाबैत देखलौं
ककरो अखण्ड ककरो खण्ड खण्ड स्वतँत्र टुकडा माँगैत देखलौं

अपन स्वार्थ के खातीर किछु के नीत नव सपना बाँटैत देखलौं
हमरो चाही हमरो चाही किछु के सपना माँगैत देखलौं

“रा-वन” सब के फेसबुक पर राम कथा हम बाचैत देखलौं
राजनिती के केसिनो मे मानवता के हारैत देखलौं

आन'क घर के "भगत" शहीद होय देश राग हम गाबैत देखलौं
शहीद सब के लास पर चढि क’ ओकरा कुर्सी पाबैत देखलौं

फुटलै चुडी माँग उजडलै करेज हम हूनकर फाटैत देखलौं
राम ने औता घुरि क’ तैयो आस मे सीया के काँनैत देखलौं

एक तरफ फेरो भीड छै लागल ओहने मँच सजाबैत देखलौं
कहिं कोनो बच्चा ने होइ फेरो टुग्गर मने मन डराइत रहलौं ll

मैथिली कविता

बहन्ना ओकर कत्तेक सुनिएै बड निष्ठुर मन मीत हमर अछि
बदलैत मौसम डर लगैया बड ब्याकुल सन प्रीत हमर अछि

सीत'क बुन सन सिनेह ओकर साओन'क मेघ बनी वरसलै नै
बाट तकैत आँखि पथरायल बड उदास सन सीथ हमर अछि

कहब सुनब कीछ ने बाँकी राखब हृदय के भितर आब त हम
जीबन पथ पर साथ चलब हम ओकरे संग हित हमर अछि

बितल मास बसन्ती राग बसन्ती पतंग बनी उडि पहुँचितौं हम
लोक लाज सॉ पाएर उठल नै केहन समाज'क रीत हमर अछि

बरख बितेलकै सुधि जे बिसरलै आब त नै मानबै कहूना हम
बिन ओकरे नै खेललौं फगुआ लगयलौं नै रंग जिद हमर अछि

पूर्ण चन्द्र छै मुदा लगैत अमाबस अन्हार बड राति बितत कोना
प्रकाशपुँज बनी आयल जौं बुझब तखन हम जीत हमर अछि

चान'क इजोरिया सॉ मन'क अन्हरिया दुर कोना क भगबिएै हम
फेर उठल दरद मन मे बिरह भरल बस गीत हमर अछि~~~♥♥♥

मैथिली गीत - मिनती

काली देवी दुर्गा भवानी छि कि मोर, देखु देखु मैया शरण मे एलौ तोर
गंगा निकट सं माटी कोरी लायब, काली देवी के हम पिरिया बनायब
पिरिया निषैते आशिष दियौ मोर, देखु देखु मैया शरण मे एलौ तोर
मलिया आगँन सं मौरी मँगायब, काली देवी के हम मौरी टँगायब
मौरी टगँबिते आशिष दियौ मोर, देखु देखु मैया शरण मे एलौ तोर ।।

 
kali devi durga bhawaani chhi ki mor, dekhu dekhu maiya sarana mai elau tor
ganga nikata sa maati kori laayaba, kali devi ke hum piriyaa banaayaba
piriyaa nishaite aashiSh diyau mor, dekhu dekhu maiyaa sarana mai elau tor
maliyaa aagana sa mauri managaayaba, kali devi ke hum mauri tanagaayaba
mauri Tangaebite aashish diyau mor, dekhu dekhu maiyaa sarana mai elau tor ..

मैथिली गीत - बेटा लगन

सुन्दर माँय बापँ, सुन्दर पल्किया, सुन्दर साजु बरीयात धनुष धरिया

सब बारीयाती मिली जनकपुर निक्सल जय जय बाजु सब लोग धनुष धरिया

एक कोश गेला राम, दुई कोश गेला, तेसर मे लाग्ल पियास धनुष धरिया

गाछ बिरिछ चढि ताकु बाबु लक्ष्मण कतहुनै मिलल सरोबर धार धनुष धरिया

कन्या कुमारी एक आवैत देखल कलश भरल जुर पानी धनुष धरिया

हात धएय लेल राम जघिंया बेसावल, पुछ लगला दिलके बात धनुष धरिया

के कर बेटी तु हुँ, के कर दुलारी, कवने कुल होएत बियाह धनुष धरिया

जनक जि के बेटी हम छि, दशरथ कुल होयत बियाह धनुष धरिया

से हे सुनी राम सिन्दुर बेशाहल, सिता बेटी राखल बियाह धनुष धरिया ।।

 

 
sundar maaye baap, sundar palkiyaa, sundar saaju bariyaat dhanush dhariyaa

saba bariyaati mili janakpur niksal jaya jaya baaju saba log dhanush dhariyaa

ek kosh gelaa raam, dui kosh gelaa, tesarmai laagal piyaasa dhanush dhariyaa

gaacha birich chadhi taaku babu lakshman katahunai milala sarobar dhaar dhanush dhariyaa

kanyaa kumari ek aawaita dekhala kalash bharal jur paani dhanush dhariyaa

haat dhayeya lel ram jaghiyaa besaawal, pucha lagalaa dilake baata dhanush dhariyaa

ke kar beti tu hu, ke kar dulaari, kawane kula hoyeta biyaaha dhanush dhariyaa

janak ji ke beti ham chhi, dasharath kula hoyata biyaah dhanush dhariyaa

se he suni ram sindur beshahal, sita beti raakhala biyaah dhanush dhariyaa

मैथिली गीत - बटगवनी

चानन भेल बिषम सर रे, भुषन भेल भारी
सपनेहु हरि नही आयल रे, गोकुल गिरधारी
अश्गर ठाडी कदम तर रे, पथ हेरथी मुरारी
हरि बिनु देह दगध भेल रे, झाझर भेल सारी
जहाँ जहाँ तोहे जाहुँ उधव रे, मधुपुर जाहुँ
चन्द्र वदन नही जिवत रे, वध लागल भारी
भन्हि विधापती गावल रे, सुनु गुणवती नारी
आज आवत हरि गोकुल रे, पथ चलु झट झारी ।।
chaanan bhel bisham sar re, bhushan bhel bhaari

sapanehu hari nahi aayal re, gokul giradhaari

ashgar thaadi kadam tara re, path herathi muraari

hari binu deha dagadh bhel re, jhaajhara bhel sari

jaha jaha tohe jaahu udhawa re, madhupur jaahu

chandra wadan nahi jiwat re, wadha laagal bhaari

bhanahi vidhaapati gaawal re, sunu gunawati naari

aaj aawat hari gokul re, path chalu jhata jhaari

मैथिली गीत - बटगवनी

कुन्ज भवन सं निक्सल रे रोकल गिर धारी
एक ही नगर बसुँ माधव रे, जनी करु बट्मारी
छोरु कन्हैया मोरा आचँर रे, फाट्त नव सारी
अपजस् होयत जगत भरी रे, करिय उधारी
सँगक सखी सब आगु आयत रे, हम असगर नारी
दामिनी दमक तुलाईल रे, एक रात अन्हारी
भन्हि विधापती गावल रे, सुनु गुणवती नारी
हरि जि के सँग कछु डर नही रे, चलु झट झारी ।।
kunja bhawan sa nikasal re rokal gir dhaari

ek hii nagar basu madhav re, jani karu batmari

choru kanhaiyaa moraa aachar re, faatat nawa sari

apajasa hoyat jagat bhari re, kariya udhaari

sangak sakhi sab aagu aayat re, hum asagara naari

daamini damaka tulaaiil re, ek raat anahaari

bhanahi vidhaapati gaawal re, sunu gunawati naari

hari ji ke sanga kachu Dar nahi re, chalu jhat jhaari

 

मैथिली - परिछन गे गीत

बहिना गे कोना क परिछब सिया जि के बर के

लगैय हमरा डर गे ना । ।


बरके बापके पाकल दाढि, हुनका तीन तीनटा महतारि

बरके देखिके हमरा बुझाइय चित चोर गे । । लगैय हमरा डर गे ना । ।


बर छैथ बचपन सौ धनुष धारी उ त बनौलन पथल के नारी

हिनका देखिते देखिते भगेल साँझ स भोर गे । । लगैय हमरा डर गे ना । ।

मैथिली गीत – नचारी

तर बहु गँगा, उपर बहु जमुना, बिचे बहु सरस्वती धार गे माई

ताही ठाम शिवजी पलंग बिछाओल, जटाके देलखिन छिरिआई गे माई । ।


फुल लोढ गेलनी गौरी कुमारी, आँचर धय लेल बिल माई गे माई

छोरु छोरु आहे शिव मोरे आँचरवा, हम छी बारी कुमारी गे माई । ।


बाबा मोरा सुन्ता हाती चढि ऐता, भैया बन्दुक लय देखावे गे माई

अम्मा सुनती जहर खाय मरति, भावी मोरा खुशी भय बैसती गे माई । ।


सेहो सुनी शिवजी सिन्दुर बेसाहल, गौरी बेटी राखल बयाही गे माई । ।

मैथिली – गौरी गीत

पिया यो छोडु नै आँचर, भोर भिनसरवा भेलै ना,
धनी ए बैसु मोर पलङ, अधिरतिया भेलै ना
भोरे जे उठबैइ, फूल लोढी लायब से दुनु मिली ना
पिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,
पिया यो छोडु नै आँचर .................

भोरे जे उठबैइ जल भरी लायब से दुनु मिली ना
पिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,
पिया यो छोडु नै आँचर ................

भोरे जे उठबैइ नैबेध किनी लायब से दुनु मिली ना
पिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,
पिया यो छोडु नै आँचर ................

 
piyaa yo chhodu nai aachara, bhor bhin sarawa bhelai naa,
dhani ye baisu mor palanga, adhi ratiyaa bhelai naa
bhore je uthabaii, fool lodhi laayab se dunu mili naa
piyaa yau gauri ke aaraadhab se dunu mili naa,
piyaa yo chhodu nai aachara ..............

bhore je uthabaii jal bhari laayab se dunu mili naa
piyaa yau gauri ke aaraadhab se dunu mili naa,
piyaa yo chhodu nai aachara ..............

bhore je uthabaii naibedh kini laayab se dunu mili naa
piyaa yau gauri ke aaraadhab se dunu mili naa,
piyaa yo chhodu nai aachara ..............

 

Tuesday, June 4, 2013

मैथिली – गौरी गीत

नदिया किनारे गौरी ठार रे, फूल द दे मलिनिया
गिरिजा पुजन हम जाएब रे, फूल द दे मलिनिया
कथि मे लोडब बेली चमेली, कथि मे लोडब गुलाब गे, फूल द दे मलिनिया
साजी मे लोडब बेली चमेली, खोइँचा मे लोडब गुलाब गे, फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे............

किनका चढायब बेली चमेली, किनका चढायब गुलाब गे, फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे............
किनका सँ मागँब अनधन सम्पैत ,किनका सँ मागँब सोहाग गे ,फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे............
लक्ष्मी सँ मागँब अन्धन सम्पैत गौरी सँ मागँब सोहग गे, फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे............

 

nadiyaa kinare gauri thar re, fool da de maliniyaa
girijaa puzan hum jaaeba re,fool da de maliniyaa
kathi mai lodaba beli chameli, kathi mai lodaba gulaaba ge, fool da de maliniyaa
saaji mai lodaba beli chameli, khoichaa mai lodaba gulaaba ge, fool da de maliniyaa
nadiyaa kinare gauri thar re..................

kinakaa chadhaayaba beli chameli, kinakaa chadhaayaba gulaaba ge, fool da de maliniyaa
nadiyaa kinare gauri thar re..................
kinaka sa maagab anadhan sampaita ,kinaka sa  maagab sohaag ge, fool da de maliniyaa
nadiyaa kinare gauri thar re..................
laxmi sa maagab andhan sampaita gauri sa maagab sohag ge, fool da de maliniyaa
nadiyaa kinare gauri tha r re..................

मैथिली – गौरी गीत

पिया यो छोडु नै आँचर, भोर भिनसरवा भेलै ना,
धनी ए बैसु मोर पलङ, अधिरतिया भेलै ना
भोरे जे उठबैइ, फूल लोढी लायब से दुनु मिली ना
पिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,
पिया यो छोडु नै आँचर .................

भोरे जे उठबैइ जल भरी लायब से दुनु मिली ना
पिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,
पिया यो छोडु नै आँचर ................

भोरे जे उठबैइ नैबेध किनी लायब से दुनु मिली ना
पिया यौ गौरी के आराधब से दुनु मिली ना,
पिया यो छोडु नै आँचर ................







piyaa yo chhodu nai aachara, bhor bhin sarawa bhelai naa,
dhani ye baisu mor palanga, adhi ratiyaa bhelai naa
bhore je uthabaii, fool lodhi laayab se dunu mili naa
piyaa yau gauri ke aaraadhab se dunu mili naa,
piyaa yo chhodu nai aachara ..............

bhore je uthabaii jal bhari laayab se dunu mili naa
piyaa yau gauri ke aaraadhab se dunu mili naa,
piyaa yo chhodu nai aachara ..............

bhore je uthabaii naibedh kini laayab se dunu mili naa
piyaa yau gauri ke aaraadhab se dunu mili naa,
piyaa yo chhodu nai aachara ..............

 

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