Sunday, July 14, 2013

समदावन

 


किनकर अँखिया बरिबरी हे सखिया, किनकर घुरमल केश


किनकर राम चन्द्र विदेश गेलै हे सखिया, किनकर चेहरा उदास


सिताके अँखिया बरिबरी हे सखिया, सिताके घुरमल केश


सिताके राम चन्द्र विदेश गेलै हे सखिया, सिताके चेहरा उदास



किनकर सुन भेलै सिंहदरबजवा, किनकर पोखरी मोहार


किनकर सुन भेलै इरकी खिरिकियाँ, किनकर कोबर घर


किनकर  सुन भेलै लाली रे पलँगिया, किनकर चेहरा उदास



ससुरजिके सुन भेलै सिंहदरबजवा, सालाके पोखरी मोहार


ससुरजिके सुन भेलै इरकी खिरिकियाँ, सरहोजनिके कोबर घर


सिताके सुन भेलै लाली रे पलँगिया, सिताके चेहरा उदास



                                         ( २ )


एहन पवित्र भुमी जनक नगरिया से हो कोना परतै उदास रे कँहरिया,


सिता दाई के कँहा नेने जाईछे रे कँहरिया,


पिता जि रोथिन पुजाके बेरिया, आम्मा रोवती बासी बेर रे कँहरिया


भैया मोरा रोथिन स्कुल के बेरिया, भाबी रोबती भन्सा बेर रे कँहरिया


                                       ( ३ )


ईहे हम जनितहुँ सिता जैती सासुर, रोपितहुँ इमलिके गाँछ


इमलिके छाहे छाहे जैती सासुर, ल गितै सितल बसात,


एक कोस गेली सिता, दुई कोस गेली , तेसरे मे मन पछताय बाट रे बटोहिया कि तोहे मोर रे भैया, हमरो समाध नेने जाही आमा के कहिके पथल भय बैसती , हमहुँ बैसब हिया हारी

2 comments:

Bahut nik bhai
ahina mithila ka vikas ma lagal rahu

bahut bahut dhanyabaad aha k protsahan k lel aha k support aa salah vetait rahe ta aaro nik hoit jetai....

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