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Saturday, October 18, 2014

Maithili Phool lodhan ke geet - Tirhut Nagariya me bel ke re gachiya

बेलपात लोठ के गीततीरहुत नगरीया मे बेल के रे गछीया हे सोहाबन लागेरघुबर तोरत बेलपात हे ।।तीरहुत नगरीया मे फुल के रे गछीया हे दुल्हा तोरत अरहुल फुल हे सोहाबन लागे ।।सोनाके साजी गौरी तोरु बेलपात हे सोहाबन लागे ।।सीता पुजु गनराज हे सोहाबन लागे ।।                          २बगीया मे आयल छथी श्याम कीशोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोरमाथ मकुट शोभे हाथ शोभे धनुषा नैना काजर शोभे तिरछी नजरीया मन मुस्कान करे मन मोहे मोर, देखी देखी मनमा...

Sunday, October 12, 2014

Maithili Lok Geet - Hum nai Jayeb Piya Kauno sahar me

मैथिली लोकगीतहम नै जायब पिया कौनो शहरमेजीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।।छोटकी ननैद छथीन हमर बड सहलोलीमिश्री मिठ छैक सासुजी के बोलीबेटा बेटा ससुर कहै छैथ आठो पहरमें ।। जिन्दगी .............. ।।भाभी भाभी हमरा छोटका देवर कहैय मिथिला नगरके सब जान परैय दिदी दिदी कहे छोटकी देवरानी आठो पहर में ।। जिन्दगी .............. ।।मिथिला ऐहन देश हमरा कतौ नै भेटतै सासु ससुर हमर कैन्ते कैन्ते भरतै नाहक मे जिन्दगी हमर परतै नरक में ।। जीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।। // ![CDATA[(function(d, s, id) {...

मैथिली लोकगीतहम नै जायब पिया कौनो शहरमेजीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।।छोटकी ननैद छथीन हमर बड सहलोलीमिश्री मिठ छैक सासुजी के बोलीबेटा बेटा ससुर कहै छैथ आठो पहरमें ।। जिन्दगी .............. ।।भाभी भाभी हमरा छोटका देवर कहैयमिथिला नगरके सब जान परैयदिदी दिदी कहे छोटकी देवरानी आठो पहर में ।। जिन्दगी .............. ।।मिथिला ऐहन देश हमरा कतौ नै भेटतैसासु ससुर हमर कैन्ते कैन्ते भरतैनाहक मे जिन्दगी हमर परतै नरक में ।।जीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।।&nb...

Wednesday, October 8, 2014

Maithili Vivah Geet - Muthi Ek Uchh Xathin

मैथिल बिबाहक गीत मुठी एक उँच छथीन सीयाके सजनवाँ हे ।। २सिया के सजनवा सखि हे दशरथ के ललनवाँ हे ।। २मुठी एक उँच छथीन ..........श्यामल गोर किशोर मनोहर आयल जनक भवनमाँ हेमाथपर हुनका चमकै छैन लालेलाल चन्दनमाँ हेमुठी एक उँच छथीन ........दशरथ गोर कौशिल्या गोरी राम भरत किया करीया हे बुझि परैय किछु गडबड अछी बितगेल हुनकर उमरीया हे मुठी एक उँच छथीन ........साजी बरात अबध पुरी सौँ आयल मिथिला नगरीया सब मिथिलानी बरात परिछकै जुरय लैन अपन नयनमा हे मुठी एक उँच छथीन सीयाके सजनवाँ हे ।।  // ![CDATA[(function(d,...

मैथिल गीत ( बिबाहक गीत )मुठी एक उँच छथीन सीयाके सजनवाँ हे ।। २सिया के सजनवा सखि हे दशरथ के ललनवाँ हे ।। २मुठी एक उँच छथीन ..........श्यामल गोर किशोर मनोहर आयल जनक भवनमाँ हेमाथपर हुनका चमकै छैन लालेलाल चन्दनमाँ हेमुठी एक उँच छथीन ........दशरथ गोर कौशिल्या गोरी राम भरत किया करीया हेबुझि परैय किछु गडबड अछी बितगेल हुनकर उमरीया हेमुठी एक उँच छथीन ........साजी बरात अबध पुरी सौँ आयल मिथिला नगरीयासब मिथिलानी बरात परिछकै जुरय लैन अपन नयनमा हेमुठी एक उँच छथीन सीयाके सजनवाँ हे...

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