मैथिली लोकगीत
हम नै जायब पिया कौनो शहरमे
जीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।।
जीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।।
छोटकी ननैद छथीन हमर बड सहलोली
मिश्री मिठ छैक सासुजी के बोली
बेटा बेटा ससुर कहै छैथ आठो पहरमें ।। जिन्दगी .............. ।।
मिश्री मिठ छैक सासुजी के बोली
बेटा बेटा ससुर कहै छैथ आठो पहरमें ।। जिन्दगी .............. ।।
भाभी भाभी हमरा छोटका देवर कहैय
मिथिला नगरके सब जान परैय
दिदी दिदी कहे छोटकी देवरानी आठो पहर में ।। जिन्दगी .............. ।।
मिथिला ऐहन देश हमरा कतौ नै भेटतै
सासु ससुर हमर कैन्ते कैन्ते भरतै
नाहक मे जिन्दगी हमर परतै नरक में ।।
जीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।।
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