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Thursday, August 29, 2013

मैथिली गीत कजरी ( तर्ज : झुला झुले अवधबिहारी )

 वितल श्रावनके पुरे महिना कि घर नाही आयल सजनमा ना बादल गरजे बिजुली चमके – २रही रहिके दिल मोरा धरकेधर धर काँपे बदनमा ना – २सखिहे थर थर काँपे बदनमा ना । ।  वितल …………. श्रावन मास पिया नही आयल, सखी सब मिली कै मुह बिजकैलकमोरा सुनी सेजरिया सखी हे, मोरा सुनी सेजरिया ना । ।  वितल …………. सबके पिया परदेश सौँ आयल, मोरा पिया परदेश घेरायलझर झर गिरे नयनमा सखी हे, झर झर गिरे नयनमा ना । ।वितल श्रावनके पुरे महिना कि घर नाही आयल सजनमा ना । ।      शैलेन्द्र मल...

Wednesday, August 21, 2013

मैथिली गीत ( धुन विद्यापती )

श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे, पिया नही आयल – कन्त नही आवल मोर सजनी गे – २चारो दिश घेरे रामा कारी रे बदरिया, दोसर मे छैक रामा घोर अन्हरियाथर थर काँपे जिया मोर सजनी गे, श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे । ।बादल गरजे बिजुली चमके, चारो दिशा दादुर गीत सुनावे – २बटिया तकैत भेल भोर सजनी गे । । श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे । । एक मन करे मोरा डुबी धसी ज ईती दोसर मन होइय कि भागी परैती  २बिरहा सताबे, दिन राती सजनी गे । । श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे । । भनही विद्यापती सुनु सुकमारी – २धैर्य धरब त मिलता ...

Saturday, August 3, 2013

पाबैन के गीत

 सिता पाबैन पुजु आज जनकजी के आगँनमेपहिने पुजु नग्रक बिशहरी, तखन पुजब गौरी दाई जनकजी के आगँनमेतखन पुजब कुलपरिवार, तखन पुजब गिरिजामाई जनकजी के आगँनमे । । कोने आशनी देबैन नग्रक बिशहरी, कोने आशनी देबैन गौरी दाई जनकजी के आगँनमेकोने आशनी देबैन कुलपरिवार, कोने आशनी देबैन गिरिजामाई जनकजी के आगँनमे । । धन आशनी देबैन नग्रक बिशहरी, सिन्दुर आशनी देबैन गौरी दाई जनकजी के आगँनमेधन आशनी देबैन कुलपरिवार, पुजु आशनी देबैन गिरिजामाई जनकजी के आगँनमे । ।सिया पावैन पुजु आई जनकजी के आँगनमे । । ।&nb...

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