बेलपात लोठ के गीततीरहुत नगरीया मे बेल के रे गछीया हे सोहाबन लागे रघुबर तोरत बेलपात हे ।।तीरहुत नगरीया मे फुल के रे गछीया हे दुल्हा तोरत अरहुल फुल हे सोहाबन लागे ।।सोनाके साजी गौरी तोरु बेलपात हे सोहाबन लागे ।।सीता पुजु गनराज हे सोहाबन लागे ।। ( २ )बगीया मे आयल छथी श्याम कीशोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोरमाथ मकुट शोभे हाथ शोभे धनुषा नैना काजर शोभे तिरछी नजरीया मन मुस्कान करे मन मोहे मोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोर ।।कहलो नै जाय सखी...